Bhubaneswar: महिला मित्र का गंभीर आरोप, ‘कई बार छाती पर मारे लातें’, पुलिस पर यौन उत्पीड़न का आरोप
Bhubaneswar: ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में एक सेना अधिकारी की महिला मित्र ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। महिला का आरोप है कि उसे हिरासत में लेने के बाद पुलिस ने उसका यौन उत्पीड़न किया। यह घटना रविवार रात को हुई जब भारतपुर थाने के पुलिसकर्मियों ने सेना अधिकारी और उसकी मित्र को हिरासत में लिया। महिला को हाई कोर्ट से जमानत मिलने के बाद रिहा किया गया।
घटना का विवरण देते हुए महिला ने बताया कि वह और उनका मित्र, जो कि सेना में अधिकारी हैं, रात करीब 1 बजे अपने रेस्तरां को बंद करके घर लौट रहे थे। रास्ते में कुछ युवकों ने उनके साथ बदसलूकी की। इसके बाद वे मदद मांगने के लिए भारतपुर पुलिस स्टेशन पहुंचे, लेकिन वहां पहुंचने के बाद उन्हें न्याय के बजाय दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ा।
‘मदद की जगह पुलिस ने किया दुर्व्यवहार’
महिला का आरोप है कि जब वे पुलिस स्टेशन पहुंचे और एफआईआर दर्ज कराने की मांग की, तो वहां एक महिला कांस्टेबल मौजूद थीं, जो सामान्य कपड़ों में थीं। महिला ने बताया, ‘हमने उनसे एफआईआर दर्ज करने और उन गुंडों को पकड़ने के लिए गश्ती वाहन भेजने की मांग की, लेकिन उन्होंने हमारी कोई मदद नहीं की। इसके बजाय, उन्होंने हमारे साथ दुर्व्यवहार किया।’
भुवनेश्वर के एम्स अस्पताल में उपचाराधीन महिला ने आगे बताया कि कुछ समय बाद और पुलिसकर्मी पुलिस स्टेशन पहुंचे और उसके मित्र (सेना अधिकारी) से शिकायत लिखने के लिए कहा। महिला ने आरोप लगाया, ‘मुझे समझ नहीं आया कि क्या हुआ, उन्होंने मेरे मित्र को लॉकअप में डाल दिया।’
‘हाथ-पैर बांधकर कमरे में बैठाया’
महिला ने आगे बताया, ‘जब मैंने विरोध किया और कहा कि पुलिस सेना अधिकारी को हिरासत में नहीं रख सकती, तो दो महिला पुलिसकर्मियों ने मुझे मारना शुरू कर दिया।’ महिला ने कहा कि उसने भी पलटवार करने की कोशिश की और जब महिला पुलिसकर्मियों ने उसका गला पकड़ने की कोशिश की, तो उसने एक महिला पुलिसकर्मी के हाथ को काट लिया। इसके बाद पुलिसकर्मियों ने उसके हाथ और पैर बांधकर उसे एक कमरे में बंद कर दिया।
‘पुरुष अधिकारी ने कई बार छाती पर मारी लात’
महिला ने आरोप लगाया कि कुछ समय बाद एक पुरुष अधिकारी ने कमरे का दरवाजा खोला और उसकी छाती पर कई बार लातें मारीं। इस घटना ने पूरे राज्य में आक्रोश की लहर पैदा कर दी। महिला का आरोप है कि उसे इस तरह से प्रताड़ित किया गया कि उसकी मानसिक और शारीरिक हालत खराब हो गई है, जिसके चलते उसे एम्स भुवनेश्वर में भर्ती किया गया है।
राष्ट्रीय महिला आयोग ने लिया संज्ञान
राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) ने इस घटना का संज्ञान लिया है और ओडिशा के पुलिस महानिदेशक से इस पर कार्रवाई रिपोर्ट मांगी है। आयोग ने पुलिसकर्मियों द्वारा किए गए दुर्व्यवहार को गंभीर मानते हुए इस मामले में त्वरित कार्रवाई की मांग की है। इस मामले में पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कदम उठाते हुए पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है, जिनमें भारतपुर पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर इन चार्ज (आईआईसी) दिनाकृष्ण मिश्रा, सब-इंस्पेक्टर बैसालिनी पांडा, एएसआई सलिलमयी साहू, सागरिका रथ और कांस्टेबल बलराम हांडा शामिल हैं।
महिला आयोग की प्रतिक्रिया और पुलिस की कार्रवाई
घटना के बाद ओडिशा पुलिस ने एक आधिकारिक बयान जारी कर निलंबित पुलिसकर्मियों के नामों की पुष्टि की। पुलिस ने यह भी कहा कि इस मामले की जांच तेजी से की जाएगी और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। महिला आयोग ने पुलिस से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि इस तरह की घटनाएं भविष्य में न हों और पीड़िता को न्याय मिले।
समाज में बढ़ता पुलिस दुर्व्यवहार का मुद्दा
यह घटना ओडिशा की कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े करती है। पुलिस का काम आम नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना होता है, लेकिन जब सुरक्षा की जगह पुलिस ही उत्पीड़क बन जाए, तो समाज में विश्वास का संकट उत्पन्न हो जाता है। इस मामले में सेना अधिकारी और उनकी महिला मित्र के साथ हुए दुर्व्यवहार ने पुलिस के प्रति समाज में नकारात्मक छवि बनाई है।
न्याय की मांग और आगे की कार्रवाई
इस मामले में सेना अधिकारी की मित्र न्याय की गुहार लगा रही हैं। उनका कहना है कि पुलिस ने न केवल उनके साथ दुर्व्यवहार किया बल्कि सेना अधिकारी को भी अवैध रूप से हिरासत में रखा। महिला की मांग है कि दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए और उन्हें न्याय मिले।